ईरान के साथ परमाणु समझौत खत्म करने के बाद अब अमेरिका उसका सामना करने के लिए अरब देशों के साथ गठबंधन कर सकता है। जानकारी के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन मिस्र और जॉर्डन के साथ मध्य-पूर्व के 6 देशों से मिलकर ईरान की बढ़ती ताकत को रोकना चाहता है। इसके लिए अमेरिका इन देशों के साथ मिसाइल डिफेंस, मिलिट्री ट्रेनिंग और आतंकवाद निरोधी ऑपरेशन शुरू करना चाहता है सूत्रों के मुताबिक, व्हाईट हाउस और अरब देशों के अधिकारियों ने इसे नाटो के विकल्प के तौर पर ‘अरब नाटो’ नाम दिया है। इसके जरिए अमेरिका शिया बहुल ईरान के कट्टरवाद, आतंकवाद और परमाणु हथियारों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सुन्नी अरब देशों को खड़ा करना चाहता है।
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